दिलीप अवस्थी
कहते हैं चुनाव तब लड़ो जब गधे को भी बाप बनाने का दम रखो I वैसे तो रिश्ते नितांत निजी मसला होते हैं लेकिनद चुनाव मैं तो सबके चरण देवता तुल्य नज़र आते हैं I
बस यह संयोग ही है की अपनी बात कहने की लिए जो दो फोटो अच्छी लगी वे अपर्णा (बिष्ट) यादव की हैं और और बिलकुल ताज़ा यानि कल यानी फरवरी 15 की हैं I लेकिन यह दृश्य किसी भी पार्टी के मंच पर देखे जा सकते हैं I एक फोटो में अपर्णा अपने ससुर मुलायम सिंह के पैर छू रही हैं तो दूसरी में जेठानी डिंपल यादव केI
क्या ही अच्छा हो की ऐसे बड़े और छोटे के सम्बन्ध चुनाव के बाद भी बने रहें I लेकिन चुनाव में तो पैर चुने का मकसद दिखावा ही होता है I जग ज़ाहिर है की अखिलेश यादव और उनके सौतेले भाई प्रतीक एकदूसरे से मिलना छोड़ देखना भी पसंद नहीं करते हैं I घर की खाने की मेज़ पर भी तब आते हैं जब दूसरा जा चुका हो I इसी तर्ज़ पर देवरानी-जेठानी भी एक दूसरे की परछांई से भी दूर रहना चाहती हैं I
लेकिन कल जब डिंपल अपर्णा की चुनावी सभा में पहुंची तो देवरानी ने मंच पर ही उनके लपक कर पाँव छुए I डिंपल ने भी वोटरों से अपील की क़ि उनकी देवरानी बड़ी कर्मठ है और उसे जिताओ तो खूब काम करेगी I इसी तरह जब मुलायम सिंह अपर्णा की एक दूसरी सभा में पहुचे तो छोटी बहु ने फिर फिर मंच पर ही उनके पैर पकड़ कर आशीर्वाद लिया I जनता में बैठे एक बुढऊ बोले, "अरे कम से कम सर तो ढक लेतीं बहुरानी I " लेकिन लोगों का क्या, उनका तो काम है कहना I
मुलायम सिंह ने अपर्णा की जोरदारी से प्रशंसा की और कहा, "मेरी बहु ने बहुत काम किया है, उसे जीता जरूर देना, इज़्ज़त का सवाल है I" जनता में से ही एक सज्जन कह उठे, "अरे नेताजी बहु से इतना काम क्यों करवाते हो ?"अपर्णा चुनाव में पूरी ताकत से तो नज़र आती है लेकिन उनका लोगों से संपर्क न के बराबर है क्योकि या तो वह बारे नेताओं से घिरी रहती हैं या फिर हटो-हटो करती सिक्योरिटी से I
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